Tuesday, April 22, 2008

मौसम...

एक मौसम था , कुछ बातें थीं...
ओस की बूंदों में भी दुआएं थीं ,
शामों की ढलने की भी अपनी अदाएं थीं ,
चाँदनी रातों में डूब जाने की तमन्नाएँ थीं,
एक मौसम था , कुछ बातें थीं ...

एक मौसम था, कुछ बातें थीं...
मन था निश्छल, थीं हजारों ख्वाहिशें,
मुस्कराहट में अपनी , थी दुनिया समाई,
अदाओं से किसी को रिझाना , थी अपनी पहचान,
एक मौसम था , कुछ हमारी थीं...

एक मौसम था, कुछ बातें थीं...
हवाओं से बातें करना भी ना था इतना मुश्किल,
करवटें लेतीं रातों में ना थीं इतनी चिंताएं,
बारिश की बूँदें आतीं,संग ले जातीं आँसू,
एक मौसम था ,कुछ बातें थीं...


एक मौसम था, कुछ बातें थीं...
उसकी एक झलक, दर्द मिटा जाती,
उसकी एक हँसी , गम लिए जाती,
उसका एहसास , मुझे मुझसे मिला जाती,
एक मौसम था, कुछ बातें थीं..


एक मौसम था, कुछ बातें थीं...
आज जब भी वो मौसम लौटता है,
संग होती है यादों की पुरवाई,
दिल से यही आह सी निकलती है,
क्यों आ गया इतना दूर, कि अब ज़िंदगी लड़ाई सी लगती है,
एक मौसम था, कुछ बातें थीं...

Wednesday, April 9, 2008

तलाश.....

मन में सवाल हैं बहुत
जवाब कहाँ से पाऊँ??

दिल में लेहरें हैं हज़ार
किनारा कहाँ से पाऊँ??

दूर आगे मंजिल है कहीं
रास्ता कहाँ से पाऊँ??

रास्तों में कांटें हैं तमाम
इतनी हिम्मत कहाँ से पाऊँ??

ज़िंदगी आगे कठिन है बड़ी
किसी परी का सहारा कहाँ से पाऊँ ......???

Wednesday, April 2, 2008

वो और उनकी अदाएं......

its my first attempt..god help me.....

वो
इठलाते भी हैं,
वो इतराते भी हैं,
वो दिल-चुराते भी हैं,
मुस्कुराना उनकी फिदरत बन गई,
शर्माना, न-जाने उनकी आदत में शुमार कब हो गई??

वो जलाते भी हैं,
वो जुराते भी हैं,
वो हंसाते भी हैं,
याद में न-जाने उनकी कितनी शामें बहार हो गयीं....
जब वो आयीं, तो दर्द न-जाने गायब सी हो गयीं.....