एक कारवां पुकारता है , एक मंजिल ताकती है...
सूनी राहों पर धुन्धंली सी रोशनी रास्ता दिखाती है...
एक आवाज़ मुझे मुझसे लड़ने की हिम्मत देती है...
एक सोच मुझे मेरे होने का एहसास दिलाती है...
एक हँसी मुझे मेरे होने का, मेरा वजूद, दर्शाती है...
एक कारवां पुकारता है, एक मंजिल ताकती है....
बावरा मनन चला देखने एक सपना...
जो,शायद हो या न हो मेरा अपना...
उस सपने में समाती दुनिया सारी...
किसी की मुस्कराहट,किसी का गम...
किसी की जीत,किसी की हार...
हर एक में छुपे हों जैसे हजारों राज़...
हर एक में समाई हों जैसे हजारों ख्वाहिशें...
बावरा मन चला देखने एक सपना...
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5 comments:
nice ...i think the best of all.
Hope our good luck will continue and ur inner ache leads to the uncomparable post.
hmmm....thanx a lot bossss....sab aapki dua hai...aur ooper waale se bhi yahi guzarish hai ki aapki dua humesha bani rahe....hehe...
kyaa baat hai!!so?????back to penning haan??!!Good man...
this one's...as usual...great!!if i may ask...what/who was the inspiration??
thanx swadha for the comments.....and haaan...regar ding inspiration..yaar just had the feelings, so penned them down.....
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